अब कहां दुआओं में वो बरकतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जुलुस हैं …मतलबों के सलाम हैं
Category: याद
मुझे मालूम है
मुझे मालूम है ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं, फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे|
मुझे मालूम है
मुझे मालूम है ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं, फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे|
वापस आ रही है
वापस आ रही है, फिर वही सर्दियों की उदास शामें….. फिर तुम बेसबब ,बेहद याद आओेगे…!!
सारे शोर महफ़िल के
सारे शोर महफ़िल के दब गए तेरी पाज़ेब की रुनझुन से””!! इक तेरा आना महफ़िल में सारे हंगामों पे भारी हो गया
आओ एक बार
आओ एक बार साथ मुस्कुरा लें…. फिर ना जाने ज़िन्दगी कहाँ ले जाये …!!!
ख़त पकड़ा गया है….
मुहब्बत उठ गयी दोनों घरों से….!! सुना है एक ख़त पकड़ा गया है….!!
सफ़र शुरू कर दिया है
सफ़र शुरू कर दिया है मैंने, बहोत जल्द तुमसे दूर चला जाऊँगा|
ना जाने क्यों
ना जाने क्यों अधूरी सी रह गई जिंदगी मेरी, लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आया हूँ..
लड़ के थक चुकी हैं
लड़ के थक चुकी हैं जुल्फ़ें तेरी छूके उन्हें आराम दे दो, क़दम हवाओं के भी तेरे गेसुओं से उलझ कर लड़खड़ाने लगे हैं!