अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही…
Category: Best Shayari
मुझ पर इलज़ाम झूठा है
मुझ पर इलज़ाम झूठा है मोहब्बत की नहीं थी हो गयी थी|
वो रूह में
वो रूह में उतर जाये तो पा ले मुझको इश्क़ के सौदे मैं जिस्म नहीं तौले जाते|
हिचकियों में वफ़ा को
हिचकियों में वफ़ा को ढूँढ रहा था मैं..! कमबख्त गुम हो गई…दो घूँट पानी से .. !!
बात हुई थी
बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की.. बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..
अब कहां दुआओं में
अब कहां दुआओं में वो बरकतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जुलुस हैं …मतलबों के सलाम हैं
खतावार समझेगी दुनिया
खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
तुम्हारी क़िताबों में
तुम्हारी क़िताबों में कोई नशा है क्या, पढते पढते सो जाती हो |
एक मुद्दत से
एक मुद्दत से तुम निगाहों में समाए हो…! एक मुद्दत से हम होंश में नहीं हैं ..!!
वो पगली समझती है
वो पगली समझती है के उसने मेरा दिल तोड़ दिया वो नहीं जानती वही दर्द बयां करके हमने यहाँ लाखो का दिलजीत लिया |