बैठ कर किनारे पर

बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख !!

बस इतनी सी ख्वाहिश है

दिल की बस इतनी सी ख्वाहिश है मेरी तुमसे मुलाकात हो फिर अंजाम चाहे कुछ भी हो !!

फकीरों की मौज का

फकीरों की मौज का क्या कहना साहब, राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले सब आपकी मेहरबानी है !!

हमसे मोहब्बत का दिखावा

हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर… हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है

अजब हाल है

अजब हाल है, तबियत का इन दिनो, ख़ुशी ख़ुशी नहीं लगती और गम बुरा नहीं लगता !!

फांसलो का अहेसास

फांसलो का अहेसास तो तब हुआ, जब मैंने कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान लिया !!

हम इश्क के

हम इश्क के फ़कीर प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

सब कुछ है

सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली… Continue reading सब कुछ है

जुबां की खामोशी

जुबां की खामोशी पर मत जाओ, राख के नीचे हमेशा आग दबी होती है।

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