कितना मुश्क़िल सवाल

कितना मुश्क़िल सवाल पूछ लिया… तुमने तो हाल चाल ही पूछ लिया…

कभी चुप तो कभी गुम

कभी चुप तो कभी गुम सी हैं, ये बारिशें भी बिलकुल तुम सी हैं।

लिख कर संजो लेते हो

लिख कर संजो लेते हो, हर कहानी को फ़ोन में, पर गुलाब छुपाने के लिए वो पन्ने कहाँ से लाओगे!

हमने सूरज की रोशनी में

हमने सूरज की रोशनी में कभी अदब नहीं खोया, कुछ लोग तो जुगनुओं की चमक में मगरूर हो गए…

सफ़र जितने भी थे

सफ़र जितने भी थे सब यादगार रहे …!! कमी रही तो सिर्फ हमसफ़र की …!!

रोते हुए दिल की

रोते हुए दिल की कहानी मत पूछो, कभी इश्क़ करना किरदार बन जाओगे।

लोग कहते है

लोग कहते है दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है, हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नही

दर्द कहां मोहताज़ होता है

दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का. बस दो आंसू ही काफ़ी है, बयां करने को…..!!

मुहब्बत सा कोई

मुहब्बत सा कोई अहसास दस्तक हम पे देता है किवाड़ों से हमीं बंद हैं, हमीं आलस के मारे हैं….

तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है

तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे, . जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!

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