कितना मुश्क़िल सवाल पूछ लिया… तुमने तो हाल चाल ही पूछ लिया…
Category: मौसम शायरी
कभी चुप तो कभी गुम
कभी चुप तो कभी गुम सी हैं, ये बारिशें भी बिलकुल तुम सी हैं।
हमने सूरज की रोशनी में
हमने सूरज की रोशनी में कभी अदब नहीं खोया, कुछ लोग तो जुगनुओं की चमक में मगरूर हो गए…
सफ़र जितने भी थे
सफ़र जितने भी थे सब यादगार रहे …!! कमी रही तो सिर्फ हमसफ़र की …!!
रोते हुए दिल की
रोते हुए दिल की कहानी मत पूछो, कभी इश्क़ करना किरदार बन जाओगे।
तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है
तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे, . जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!
एक बार देख था
एक बार देख था उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बस! इतनी सी हक़ीकत है,बाकी सब कहानियाँ है..!!
हाँ ठीक है
हाँ ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूँ आख़िर मेरे मिज़ाज में क्यूँ दख़्ल दे कोई
ये तो रस्ते मुझे ले
ये तो रस्ते मुझे ले आए तेरी जानिब ये मुलाक़ात,मुलाकत न समझी न जाये|
तुमने जो दिल को
तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया, लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..