बेशक बेघर हूँ मैं इस जहाँ में, मगरआशियाँ तेरी यादों का आज भी मेरा दिल ही है….!!
Category: Bewafa
ये जो खामोश से
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना, पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के है…
काश की कहीं इश्क़ के
काश की कहीं इश्क़ के भी पकोड़े होते हम भी शिद्दत की चटनी के चटोरे होते|
एक रस्म मोहब्बत में
एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी, छोड़ के जाए कोई भी शौक से, मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !
खिड़की के बाहर का
खिड़की के बाहर का मौसम बादल, बारिश और हवा… खिड़की के अन्दर का मौसम आँसू, आहें और दुआ !
आँखें थक गई है
आँखें थक गई है शायद आसमान को तकते तकते…, वो तारा नहीं टुटता.. जिसे देखकर मैं तुम्हें माँग लूँ ….
इधर आओ जी भर के
इधर आओ जी भर के हुनर आज़माएँ, तुम तीर आज़माओ, हम ज़िग़र आज़माएँ..
है अजीब शहर की
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है
ए खुदा मौसम को
ए खुदा मौसम को इतना रोमांटिक भी ना कर कुछ लोग ऐसे भी है जिनका मेहबूब नहीं
इन्सान मार दिया जाता है
इन्सान मार दिया जाता है तो कोई कुछ नहीं बोलता जानवर काट दिया तो दंगे भड़का देते है |