माना उन तक पहुंचती

माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी, मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम….!!!

उस ने हँस कर

उस ने हँस कर हाथ छुड़ाया है अपना… आज जुदा हो जाने में आसानी है ..

मैंने कब कहा

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी.. हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते !!

तेरे मुस्कुराने का असर

तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है, लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है..!!

हवा चुरा ले गयी थी

हवा चुरा ले गयी थी मेरी ग़ज़लों की किताब.. देखो, आसमां पढ़ के रो रहा है और नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो रही है..!

वो जिसकी याद मे

वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी। वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया ।।

लिखते है सदा

लिखते है सदा उन्ही के लिए,जिन्होने हमे कभी पढा नही…!

सजदों में भीगती है

सजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |

ज़िंदगी में आईना..

ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो… पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन, कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!

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