मुझे तालीम दी है

मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से … कोई रोये तो आंसू पौंछ देना अपने दामन से ….

अगर फुर्सत के लम्हों मे

अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही…

कभी यूँ भी

कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने… हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!

मुझ पर इलज़ाम झूठा है

मुझ पर इलज़ाम झूठा है मोहब्बत की नहीं थी हो गयी थी|

बात हुई थी

बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की.. बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..

खतावार समझेगी दुनिया

खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे

रगों में बहने का

मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का.. ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे, दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं. वरना चाहत का यकीन दिलाने में, तो जिन्दगी बीत जाती हैं..

बहुत ख़ास थे कभी

बहुत ख़ास थे कभी नज़रों में किसी के हम भी; मगर नज़रों के तकाज़े बदलने में देर कहाँ लगती है…

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