वो अक्सर देता है मुझे , परिंदों की मिसाल . साफ़ नहीं कहता के , मेरा शहर छोड़ जाओ.
Category: प्यार शायरी
दर्द बयां करना है
दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिये जनाब….. लोगों के पास वक़्त कहाँ एहसासों को सुनने का…
मज़ा ही अलग है
आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है.. अपनी शर्तों पर जीने का….नशा ही अलग है ..
छुपी होती है
छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की…!! लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं…!!
मेरे गुनाह भी ना थे
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..
चाहने वालों में
मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..
तेरे साथ की ख़ातिर
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में इक तेरे साथ की ख़ातिर..!! उन रिश्तों को भी नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!!
आज रिश्वत लेते पकड़ा गया
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
बारिश में रख दो
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, कि धुल जाए स्याही, ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी।।
मेरी जिन्दगी से
काश कोई इस तरह भी वाकिफ़ हो मेरी जिन्दगी से… मै बारिश में भी रोऊँ तो वो मेरे आँसू पढ ले…!!