हम निगाहों में थे

उसके तेवर समझना भी आसां नहीं बात औरों की थी, हम निगाहों में थे

दुआएं रद्द नही होती

दुआएं रद्द नही होती बस बेहतरीन वक्त पे कबूल होती है…..

लालच दोनो का था

लालच दोनो का था…एक-दुसरे से.. उसने वक्त बिताना चाहा और मैंने जिन्दगी..

परिंदे सोचते हैं

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले

एक नया ही रंग

जब जब सच बोलके देखा मुह पे इंसान के, हर वक़्त एक नया ही रंग सामने आया ।

कोई कम्बखत उछाल न दे

कोई कम्बखत उछाल न दे हवा में…. अपने गालों से लग जाने दे, एक मुठ्ठी गुलाल ही तो हूँ

जरा मुस्कुरा के देखो

जरा मुस्कुरा के देखो, दुनिया हँसती नजर आएगी!

सज़दे कीजिये या माँगिये

सज़दे कीजिये या माँगिये दुआयें, जो आपका है ही नही वो आपका होगा भी नही…!!

ताल्लुकात बढ़ाने हैं

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी सीख लो.. ऐब न हों.. तो लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते

चेहरे को आज तक

चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है.! हमने गुलाल और को मलने नहीं दिया..!!

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