माँ बाप के अलावा

आपके माँ बाप के अलावा कोई भी शख्स आपका निःस्वार्थ भला नही चहता

तेरी हर निशानी

आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी …. फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी ….

नींद आखो में

नींद आखो में होने से तो न रात होगी, रवायत तो ये हे की ख्वाबो में उनसे मुलाकात होगी

मिलते हैं यार

यूँ नहीं, मिलते हैं यार यार से दे मुझे, प्यार का जवाब प्यार से….

बदनाम कर रहा हे

बदनाम कर रहा हे ये शहर मुझे  तेरा नाम लेकर .. एक तुझसे महोब्बत ना होती तो आग लगा देते पुरे शहर मे

दिल में रहते थे

दिल में रहते थे जो नजरों से उतर गए रिश्ते जैसे काँच के टुकड़े, ठेस लगी और टूट गए।

कुछ भी बचा

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयी, आओ कहीं शराब पियें रात हो गयी !!

आदमी परखने की

आदमी परखने की, ये भी एक निशानी है… गुफ़्तगु बता देती है, कि कौन खानदानी है…

ऐसा डूबा हूँ

ऐसा डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में, हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं!

रिश्ता मेरा भी हैं

कुछ तो रिश्ता तेरा भी हैं कुछ तो रिश्ता मेरा भी हैं तू आराम से सो जाती है। मैं हर रात बेचैन सा रहता हूँ…… ❗❗

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