मुझे बहुत प्यारी है, तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी… “चाहे वो दिल का दर्द हो, या…..आँखों का पानी……!!
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आज दरार है
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ? मैं चुप, तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन ? बात छोटी को लगा लोगे दिल से, तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर… Continue reading आज दरार है
मेरी रुसवाई कर के
मेरी रुसवाई कर के नाखुश हैं..उनके चेहरे की सियाही ये है, मेरे होने से दुखी हैं कुछ लोग..मेरे होने की गवाही ये है !
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री.., तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ..
आख़िरी उम्र में
आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ.. यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !
बुरे दिनों में
बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आस परछाई भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश
मोहब्बत केअफसानें
अल्फाज़ों में क्या बयाँ करे अपनी मोहब्बत के अफसानें हमारे दिल में तो वो ही वो है, उनके दिल की खुदा जाने..”
कितनी ज़ालिम है
ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है… .. याद दिलाती है मेरे मेहबूब की.. और भिगोकर मुझे चली जाती है……
मोहब्बत नहीँ करतेँ..
ना शौक दीदार का… ना फिक्र जुदाई की, बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो…मोहब्बत नहीँ करतेँ…!!
मासूमियत का कुछ
मासूमियत का कुछ ऐसा अंदाज़ था मेरे सनम का, उसे तस्वीर में भी देखूं तो पलकें झुका लेती थी….