दीपक बोलता नहीं

दीपक बोलता नहीं उसका प्रकाश परिचय देता है । ठीक उसी प्रकार… आप अपने बारे में कुछ न बोले, अच्छे कर्म करते रहे वही आपका परिचय देगे

नफरत करनी हैं

मुझसे नफरत करनी हैं हो बेशककर पर.. कमबख्त उतनी तो कर जितनी मैंने मौहब्बत की थी…

दीवाना गलियों में

कोई दीवाना गलियों में सेर गुनगुनाता फिरता रहा कोई आवाज़ आती रही रात भर

इल्म के दीवाने

हम मदरसे से अगर गुज़रे तो बच्चों ने कहा ,ये वहीँ हैं जो बिना इल्म के दीवाने हुए

ज़रा सम्भाल कर

ज़रा सम्भाल कर रखियेगा इन्हे…रिश्ते हैं, कपड़े नहीं, कि रफ़ू हो जायें…!

तैर गये यूँ

तैर गये यूँ तो हम सारा समुंदर, डूबे तो तेरी आखों में डूबे…

हमारे बिन अधूरे

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे कभी था कोई मेरा, तुम खुद कहोगे न होगें हम तो ये आलम भी न होगा मिलेगें बहुत से पर कोई हम-सा न होगा.

तोहफा लाने निकला था

आज तोहफा लाने निकला था शहर में तेरे लिए, कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला।।

घूरती आपकी निगाहें

आज का ज्ञान – किसी महिला को घूरती आपकी निगाहें…. आपके चरित्र का चीर हरण है..

सनम तेरी बातें

नेताओ के वादे और सनम तेरी बातें, दोनों ही दिल और जेब पर सीधी मार करती हैं।

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