उलझे हुए है आजकल अपनी उलझनों में… तुम ये ना समझना कि तुम्हें चाहा था बस दो दिन के लिए
Category: Shayri-E-Ishq
कुछ अलग करना है
कुछ अलग करना है तो जरा भीड़ से हटकर चलो.. भीड़ साहस तो देती है, लेकिन पहचान छीन लेती है….
यारी का मोल
तुम मुझसे यारी का मोल ना पूछना कभी, तुमसे ये किसने कह दिया की पेड़ अपनी छाँव बेचते है…
दुसरों की अपेक्षा
दुसरों की अपेक्षा अगर आपको सफलता, यदि देर से मिले तो निराश नही होना चाहिये क्योँकि मक़ान बनने से ज्यादा समय महल बनने मेँ लगता है||
तू होगा ज़रा
तू होगा ज़रा पागल सा तूने मुझको है चुना…
खमोश लब हैं
खमोश लब हैं झुकी है पलकें, दिलों में उल्फत नई नई है ,, अभी तकल्लुफ है गुफ़्तगू में, अभी मुहब्बत ये नई-नई है,, अभी न आएगी नींद तुमको , अभी न हमको सुकूं मिलेगा ,, अभी तो धड़केगा दिल ज़्यादा, अभी ये चाहत नई नई है ,, जो खानदानी रईस हैं वो , मिज़ाज रखते… Continue reading खमोश लब हैं
zindagi ka doosra naam
Fiza main mahakti shaam ho tum Pyar main chalakta jam ho tum Seene main chupaaye firte hain hum yaad tumari Meri zindagi ka doosra naam ho tum
हमसे जो करोगे
हमसे जो करोगे रुसवाई तो यूँ ही भूकम्प आएगा रे बेवफा हरजाई…
सड़कों पे नज़र आये
अजब सा तिलिस्म कर गया भूकम्प तेरा आना, नफ़रत भरे लोग हाथ थामे सड़कों पे नज़र आये !
Zindagi ek chahat
Zindagi ek chahat ka silsila hai, Koi mil gaya to koi bichad gaya, Jise har pal maanga maine duaon mein, Khuda se mujhe wo bina maange hi mil gaya…