जिसको तलब हो हमारी

जिसको तलब हो हमारी , वो लगाये बोली , सौदा बुरा नहीं … बस “ हालात ” बुरे है ..!!

गलत कहते है लोग

गलत कहते है लोग कि संगत का असर होता है,वो बरसो मेरे साथ रही, मगर फिर भी बेवफा निकली..!!

नर्म लफ़्ज़ों से

नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर, रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं, पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।

काश तुम कभी ज़ोर से

काश तुम कभी ज़ोर से गले लगा कर कहो, डरते क्यों हो पागल तुम्हारी ही तो हूँ…

न रहनुमाओं की

न रहनुमाओं की मज्लिस में ले चलो मुझको मैं बे-अदब हूँ हँसी आ गई तो क्या होगा ?

जिंदगी में बेशक

जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ !! मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा नहीं !!

जब घर जाता हूँ

खाली हाथ लेके जब घर जाता हूँ मैं मुस्कुरा देते हैं बच्चे और फिर से मर जाता हूँ मैं |

ज्यादा तजुर्बा तो नहीं हैं

मुझे ज़िन्दगी जीने का ज्यादा तजुर्बा तो नहीं हैं पर सुना है लोग सादगी से जीने नहीं देते |

मुझे तालीम दी है

मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से … कोई रोये तो आंसू पौंछ देना अपने दामन से

हज़ारों भुला दिए

अभी तक, याद कर रहे हो पागल; उसने तो तेरे बाद भी, हज़ारों भुला दिए!

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