मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पुछा, कम्बखत कहता है, जितना मैं उसका हूँ, उतना तेरा भी नहीं..
Category: गरूर शायरी
कौन चाहता है
कौन चाहता है खुद को बदलना.. किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है..
जब तक तुम्हारे हाथ
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे.,. जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,, साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,, आंधी से कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!
कभी बेवजह भी
कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते
बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है
बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर , दूसरों को रौंदने का हुनर कहां से लाऊं….
जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया,
जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया, हम सिख न पाये ‘फरेब’ और दिल बच्चा ही रह गया !
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी…
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की.. अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है
एक राज की बात बताये किसी को बताना नही
एक राज की बात बताये किसी को बताना नही.. इस दुनिया मे अपने सिवा कुछ भी अपना नही होता..
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको,..पर…… जब उनको मेरी ज़रुरत होती हैं तब..!!