इस देश में

अगर इस देश में ही देश के दुश्मन नहीं होते लुटेरा ले के बाहर से कभी लश्कर नहीं आता

झूठ बोलते हो

जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी थी क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी

हक मिलता नही

हक मिलता नही लिया जाता है , आज़ादी मिलती नही छिनी जाती है , नमन उन देश प्रेमियों को जो देश की आज़ादी की जंग के लिये जाने जाते है .

सभी का खून

सभी का खून है शामिल यहा की मिट्टी में किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोडी है

करोडो में नीलाम

करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के उतारे हुए सूट । वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और बूट’ ।

जाने कितने झूले

जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी…. क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी….

कौन चाहता है

कौन चाहता है खुद को बदलना.. किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है..

जब तक तुम्हारे हाथ

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे.,. जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,, साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,, आंधी से कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे पर कुछ जालिम हे जो अमन को आतंक समज ते थे

बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है

बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर , दूसरों को रौंदने का हुनर कहां से लाऊं….

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