मैं इसे इनाम समझूँ या सजा का नाम दूँ , उंगलियाँ कटते ही तोहफे में अंगूठी मिल गयी …
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कोई पूछे मेरे बारे में
कोई पूछे मेरे बारे में, तो कह देना इक लम्हा था जो गुज़र गया। कोई पूछे तेरे बारे में, मैं कह दूंगा इक लम्हा था जो मैं जी गया।
हौंसला तुझ में
हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का; वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।
आईना के सामने
आईना के सामने आने से वो डरते है जो ताउम्र सच कहने का दम भरते हैं दर्पण
बस इतनी दाद देना
बस इतनी दाद देना बाद मेरे मेरी उल्फत की, कि याद आऊँ तो अपने आपको प्यार कर लेना।
पिघल सा जाता हूँ
पिघल सा जाता हूँ तेरी तस्वीर देख कर जरा छू कर बता ना कहीं मैं मोम तो नहीं..
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से… एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
ग़लत को हम ग़लत कहते
ग़लत को हम ग़लत कहते इसी कहने की कोशिश में सियासत ने अंधेरों में हमारी हर ख़ुशी रख दी ।
तेरे कूचे में
तेरे कूचे में उम्र भर ना गए…सारी दुनिया की ख़ाक छानी है…
तेरी रुसवाइयों से
तेरी रुसवाइयों से डरता हूँ… जब भी तेरे शहर से गुज़रता हूँ…