सोचता हूँ बेच ही डालू

सोचता हूँ बेच ही डालू अब इसे… मेरे सब उसूल पुराने हो गए है|

हमें तो कब से

हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है ऐ बेखबर तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!

कितने बरसों का सफर

कितने बरसों का सफर यूँ ही ख़ाक हुआ। जब उन्होंने कहा “कहो..कैसे आना हुआ ?”

मेरी खमोशियो के राज़

मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम… जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…

दो कदम चलकर

दो कदम चलकर अक्सर हम रुक जाया करते है , क्यों इंतजार रहता है उनका, जो राह में छोड़कर चले जाया करते है|

तेरे पास जब

तेरे पास जब भी रहा हुँ …अक्सर ये हुआ है , होठों ने तुझे देखा …और आँखों ने छुआ है|

कुएं के पेहरेदारो को

कुएं के पेहरेदारो को अपनी प्यास मत दिखा, खुदा का नाम ले पानी तेरी ठोकर से निकलेगा|

दाग दुशमन से

दाग दुशमन से भी झुककर मिलिए कुछ अजीब चीज है मिलनसारी|

मैं वो अदना पेड़ हूँ

मैं वो अदना पेड़ हूँ, जो है शुष्क नितांत। भीतर से हारा हुआ, मनोभाव से शांत।।

जीवन जीना हो तो

जीवन जीना हो तो दर्पण की तरह जीओ, जिसमें स्वागत सभी का हो लेकिन संग्रह किसी का भी नहीं.

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