खुदा की रहमत में

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर, इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं।

ना जाने कैसे

ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिदगी, आजकल, मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज रहते है|

हम पागल अच्छे है

हम पागल अच्छे है दुनियाँ के समझदार लोगों से.. हम अपने ख्वाब जरुर तोड़ते है पर किसी का दिल नही..

होती नहीं है

होती नहीं है मोहब्बत सूरत से, मोहब्बत तो दिल से होती है, सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी, कदर जिनकी दिल में होती है|

तुझे हक है

तुझे हक है, अपनी दुनिया में खुश रहने का, मेरा क्या है, मेरी तो दुनिया ही तु है..

महफ़िल में कुछ

महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है; ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है; कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे; आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।

अच्छे विचारों का अस

अच्छे विचारों का असर आजकल इसलिए नहीं होता क्योंकि लिखने और पढ़ने वाले दोनों यह समझते है कि ये दूसरों के लिए है !

मत किया कर

मत किया कर ऐ दिल, किसी से मोहब्बत इतना, जो लोग बात नही करते, वो प्यार क्या करेगे|

हम उसे छोड़ तो दें

हम उसे छोड़ तो दें , पर छोटी सी उलझन है…. सुना है सांसों को छोड़ देना मौत होता है|

तेरे आगोश में

तेरे आगोश में मिल जाये पनाह , हाय में इतनी खुशनसीब कहा|

Exit mobile version