खुदा से मोहब्बत है

तुमसे नहीं तेरे अंदर बैठे खुदा से मोहब्बत है मुझे, तू तो फ़क़त एक ज़रिया है मेरी इबादत का!

मौका दे दे

गालिब ने भी क्या खूब लिखा है… दोस्तों के साथ जी लेने का मौका दे दे ऐ खुदा… तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

दिन क़रीब है

कह दो गमो से कहीं और बसेरा करे अब..!! मेरे आक़ा की विलादत का दिन क़रीब है..!!

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