अब ना रही

मुझमे मासूमियत अब ना रही जनाब… मैने बचपन के ख्वाब बड़े होकर टुटते देखे है|

जिंदगी में प्यार

जिंदगी में प्यार क्या होता है वो उस शख्स से पूछो.. जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतजार किया हो|

एक ही ख्वाब ने

एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया हैं, मैंने हर करवट सोने की कोशिश की हैं|

बिन धागे की सुई

बिन धागे की सुई सी हो गयी है, ये जिंदगी, सिलती कुछ नही बस चुभती जा रही है..

लिख दू कुछ

लिख दू कुछ ऐसा या कुछ ऐसा काम मैं कर जाउ, फूट-फूट कर रोऐ दुनिया जिस दिन मैं मर जाउ|

जब भी देख़ता हूँ

जब भी देख़ता हूँ ….. तेरे इश्क़ की पाकीज़गी …….. दिल करता …… तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ …!!

जब बात रिहाई की

जब बात रिहाई की आयी पता नहीं जुदाई लगी मुझे।

नए कपड़े क्या पहन लिए

चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं..

तनहइयो के आलम

तनहइयो के आलम की ना बात करो जनाब; नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब |

तेरे एहसासों की

तेरे एहसासों की धूप में सुखा लिए मैंने गीले गेशू अपने , पर तुम न संजो पाए मेरे हसीन ख्वाबों को आंखों में अपने !!

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