खुदा से मिलती है

खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की..!! अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी….!!!!

अगर कुछ भी

अगर कुछ भी नहीं है हमारे दरमियान, तो ये लंबी ख़ामोशी क्यों है ??

एक तुम को

एक तुम को अगर चुरा लूं मैं….. सारा जमाना गरीब हो जाये…!

जिन्हें गुस्सा आता है

जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते है; मैंने झूठो को अक्सर मुस्कुराते देखा है ।

मसला एक यह भी है

मसला एक यह भी है, जालिम दुनिया का, कोई अगर अच्छा भी है, तो अच्छा क्यूँ है …

यूँ ही गुजर जाती है

यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में, कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने!

तुम्हारी बेरुख़ी ने

तुम्हारी बेरुख़ी ने लाज रख ली बादाख़ाने की, तुम आँखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते !!

आऊंगा मै इक रोज

आऊंगा मै इक रोज तेरा दर्द पूछने ख़ुदा जो दे गर मुझे मेरा दर्द भूलने|

मैं शीशा हूँ

मैं शीशा हूँ टूटना मेरी किस्मत है इसलिए पत्थरो से मुझे कोई शिकायत नहीं होती|

बहुत आसान है

बहुत आसान है पहचान इसकी अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है|

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