एक लम्हे में बिखर जाता है ताना-बाना और फिर उम्र गुज़र जाती है यकजाई में
Category: Sad Shayri
किसी खुदा का
किसी खुदा का दख़ल ना हो ज़िंदगी के लिये…, ख़याले-ए-यार ही काफी़ है बंदगी के लीये…!
जल्वा-ए-जानाना
जल्वा-ए-जानाना फिर ऐसी झलक दिखला हसरत भी रहे बाक़ी अरमाँ भी निकल जाए|
अल्फाज बेचने हैं
अल्फाज बेचने हैं जज्बातों के कीमत गुजरा समय है…खरीद लो अब
अगर प्यार तुझसे
अगर प्यार तुझसे ना किया तो, मोहब्बत बुरा मान जाएगी ।
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ..
कुछ खामोशियाँ भेज रहा हूँ… हो सके तो, कुछ अल्फ़ाज़ भर देना!!
हम तुम्हें मुफ़्त में
हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं, क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा..
शिद्दत ए चाहत
शिद्दत ए चाहत का तकाज़ा देख होके दूर भी वो मेरे पास रहता है|
कमबख़्त हर नशा
कमबख़्त हर नशा उतरते देखा वक़्त के साथ… ज़रा बताओ तो किस चीज़ की बनी हो तुम …
बेपरवाह हो जाते है
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग… जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है …