कोई पूछे मेरे बारे में

कोई पूछे मेरे बारे में, तो कह देना इक लम्हा था जो गुज़र गया। कोई पूछे तेरे बारे में, मैं कह दूंगा इक लम्हा था जो मैं जी गया।

कुछ महकी-महकी यादें

कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें, जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

हौंसला तुझ में

हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का; वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।

जिंदगी कब तलक दर दर

जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें…. टूटा फूटा ही सही घर बार होना चाहिये…

जख्म कैसे दिखाऊं

जख्म कैसे दिखाऊं ये तुमको…. सबने मिल के मुझे सताया है…

किस तमन्ना से

किस तमन्ना से तुझे चाहा था… किस मोहब्बत से हार मानी है…

ये भी मुझे

ये भी मुझे नही मालूम… किस मोहल्ले में है मकान तेरा..

रहे दो दो फ़रिश्ते

रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इंसाफ़ क्या होगा किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा

आज इतना महसूस किया

आज इतना महसूस किया खुद को जैसे लोग दफन कर के चले गए हो मुझे|

कुछ कहने के लिए ….

कुछ कहने के लिए ….. बोलने की क्या जरुरत हे !!!!

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