नौकरी की चाहत में

नौकरी की चाहत में दिन भर जाने भटका होगा कैसे जिसके बटवे में रखने को कम गिनने को ज्यादा हैं

सारे मैखाने की शराब

पिला दे आज सारे मैखाने की शराब की बोतल ए साकी अगर ग़म-ए-यार भूल गया तो तेरा मैखाना ही खरीद लूंगा |

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्त….. ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

मसरूफियत में आती है

मसरूफियत में आती है बेहद तुम्हारी याद….!!और फुरसत में तेरी याद से फुरसत नहीं मिलती…..!!

निगाहों से छुप कर

निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा मिटा कर हमें आप पछताइएगा कमी कोई महसूस फ़र्माइएगा नहीं खेल नासेह! जुनूँ की हक़ीक़त समझ लीजिए तो समझाइएगा कहीं चुप रही है ज़बाने-मोहब्बत न फ़र्माइएगा तो फ़र्माइएगा

बड़ा सख्त मिज़ाज है

बड़ा सख्त मिज़ाज है वो शख्स, उसे याद रहता है कि मुझे याद नहीं करना…

सबकुछ निभा गया

वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया, ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..

एक तो वैसे ही …..

एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.

रोज रोज गिर कर भी

रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!

लाख कसमें ले लो

लाख कसमें ले लो किसी से.. छोड़ने वाले छोड़ ही देते हैं…

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