ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading कुछ कहा मैंने
Category: कविता
मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
सोनेरी संध्या… उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो खर्च करने से पहले कमाया करो ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर नीम की पत्तियों को चबाया करो शाम के बाद जब तुम सहर देख लो कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो अपने सीने… Continue reading मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
मोहब्बत मै जबरदस्ती
मोहब्बत मै जबरदस्ती अच्छी नहीं होती जब आपका दिल चाहे तब मेरे हो जाना
तेरी वफ़ा के तकाजे
तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना, मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं…!
मैंने अपने दिल से
मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पुछा, कम्बखत कहता है, जितना मैं उसका हूँ, उतना तेरा भी नहीं..
कौन चाहता है
कौन चाहता है खुद को बदलना.. किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है..
जब तक तुम्हारे हाथ
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे.,. जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,, साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,, आंधी से कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!
कांच की गुडिया
कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे, आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है..!!
मैं पूछता रहा
मैं पूछता रहा और फ़िर.. इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद । जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।। मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी । वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।
अमन की आस लिए
अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे पर कुछ जालिम हे जो अमन को आतंक समज ते थे