उंगली मेरी वफ़ा

उंगली मेरी वफ़ा पे ना उठाना लोगों, … जिसे शक हो वो एक बार निभा कर देखे ।

सबसे दूर हो गये

टूटे हुए काँच की तरह चकना चूर हो गए..! किसी को लग ना जायें इसलिए सबसे दूर हो गये.!

सोचते हे सीख

सोचते हे सीख ले हम भी बेरुखी करना, प्यार निभाते-२ अपनी ही कदर खो दी हमने।

तू याद रख या

तू याद रख या ना रख, तू ही याद हे, ये याद रख….

ख्वाइश बस इतनी

ख्वाइश बस इतनी सी है कि तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो आरज़ू ये नहीं कि लोग वाह – वाह करें…!!

मेरी गलतियां मुझसे

मेरी गलतियां मुझसे कहो दूसरो से नहीं, कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नही….. …………

तरस जाओगे हमारे

तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ़्ज़, प्यार की बात तो क्या हम शिकायत भी नहीं करेंगे

वक़्त मिला उसे

वक़्त मिला उसे तो हमें भी याद कर ही लेगा वो, फ़ुरसत के लम्हों में हम भी बड़े ख़ास हैं उसके लिए.

यूँ तो सिखाने

यूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है मगर,,, झूठी हंसी हँसने का हुनर तो बस मोहब्बत ही सिखाती है!!!

उस शख्स में

उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी, दिल नहीं देते तो जान चली जाती..

Exit mobile version