ये याद रखना

भूल जाना मुझे पर ये याद रखना, रूह भी तेरी रोयेगी जब भी मेरा नाम आयेगा!

सर झुका के बोलें

पूछा हाल शहर का तो सर झुका के बोलें,,,, लोग तो जिंदा हैं जमीरों का पता नहीं.!!

जिंदगी में बेशक

जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ !! मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा नहीं !!

जब घर जाता हूँ

खाली हाथ लेके जब घर जाता हूँ मैं मुस्कुरा देते हैं बच्चे और फिर से मर जाता हूँ मैं |

ज्यादा तजुर्बा तो नहीं हैं

मुझे ज़िन्दगी जीने का ज्यादा तजुर्बा तो नहीं हैं पर सुना है लोग सादगी से जीने नहीं देते |

मुझे तालीम दी है

मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से … कोई रोये तो आंसू पौंछ देना अपने दामन से

वो पत्थरो से मांगते है

वो पत्थरो से मांगते है, अपनी मुरादे दोस्तों; हम तो उनके भक्त है, जिनके नाम से पत्थर भी तैरते है ..

वजह-ए-बर्बादी

अपनी वजह-ए-बर्बादी सुनाये तो मजे की है…!!! जिदंगी से युं खेले….जैसे दुसरे की है….!

बिछड़े हुए दोस्तों की याद

आती है ऐसे बिछड़े हुए दोस्तों की याद, जैसे चराग जलते हों रातों को गांव में।

तुमसे वजह मिल गयी है

जीने की तुमसे वजह मिल गयी है.. बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी..!

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