जब तक ये दिल तेरी ज़द में है तेरी यादें मेरी हद में हैं। तुम हो मेरे केवल मेरे ही हर एक लम्हा इस ही मद में है । है दिल को तेरी चाह आज भी ये ख्वाब ख्वाहिश-ऐ- बर में है । मुहब्बत इवादत है खुदा की और मुहोब्बत उसी रब में है।
Category: याद
नशा मुझ में है
नशा मुझ में है और मुझी में है हलचल अगर होता नशा शराब में तो नाच उठती बोतल|
चराग़-ए-तूर
चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है, ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अँधेरा है…
दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिए
दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिए, सामने आइना रख लिया कीजिए…
तुम्हारे बिन न जाने क्यों
तुम्हारे बिन न जाने क्यों सफ़र अच्छा नहीं लगता बड़ा दिलकश है हर मंजर मगर अच्छा नहीं लगता तुम्हारे बिन न जाने क्यों सफ़र अच्छा नहीं लगता और जमाने भर की सारी नेमतें मौजूद हो लेकिन जमाने भर की सारी नेमतें मौजूद हो लेकिन अगर बेटी ना हो घर में घर अच्छा नहीं लगता…
फूल रखिए ना रखिए
फूल रखिए ना रखिए, किसी की राहों में, .. साहेब पर लबों पे सब के लिए दुआ जरूर रखिए..!!!
ज्यादा ख्वाहिशें नहीं
ज्यादा ख्वाहिशें नहीं ऐ जिन्दगी तुझसे हमे,,बस तेरा अगला लम्हा पिछले से बेहरतीन हो…
खुद को कमजोर ना समझना
खुद को कमजोर ना समझना, खुद की अंदर की ताकत कों पहचानों, फिर जिंदगी की हर जंग में फतेह तुम्हारी ही होंगी….!!
शायद कुछ दिन और लगेंगे
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
सियासत का चलन
की मुहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया, हम अगर प्यार ना करते तो हुकूमत करते…