रब के फ़ैसले पर

रब के फ़ैसले पर भला कैसे करुँ शक, सजा दे रहा है ग़र वो कुछ तो गुनाह रहा होगा !!

तुम्हारा साथ भी छूटा

तुम्हारा साथ भी छूटा , तुम अजनबी भी हुए मगर ज़माना तुम्हें अब भी मुझ में ढूंढता है !!

तकिये के लिहाफ में

तकिये के लिहाफ में छुपाकर रखी हैं तेरी यादें, जब भी तेरी याद आती है मुँह छुपा लेता हूँ|

उम्र भर ख़्वाबों की

उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा, ज़िंदगी भर तजरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…

इश्क की हिमाकत

इश्क की हिमाकत जो उनसे कर बैठे यूँ ही हम खुदसे बिछड़ बैठे !!!

ये तो कहिए इस ख़ता की

ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा, ये जो कह दूं के आप पर मरता हूं मैं।।

किस्सा बना दिया

किस्सा बना दिया एक झटके में उसने मुझे, जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताता था !!

जिंदा रहने की ख्वाहिश

किसी के अंदर जिंदा रहने की ख्वाहिश में … हम अपने अंदर मर जाते हैं …

आसमां में उड़ने की चाह

आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले.. कभी जमी पर गिरने की परवाह नहीं करते !!

अब बहाने नहीं

मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूढने पड़ते तुम्हें याद करते हैं तमन्ना पुरी हो जाती है|

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