कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे, आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है..!!
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मैं पूछता रहा
मैं पूछता रहा और फ़िर.. इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद । जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।। मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी । वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।
मैं अपनी चाहतों का
मैं अपनी चाहतों का हिस्सा जो लेने बैठ जाऊं, तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लौटा सकोगे ।
कभी किसी को
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो… Continue reading कभी किसी को
फिर कोई जख्म मिलेगा
फिर कोई जख्म मिलेगा ए नादान दिल, फिर कोई इंसान प्यार से पेश आ रहा है…
मेरा मजहब तो
मेरा मजहब तो, ये दो हथेलियाँ बताती हैं जुड़े तो पूजा, खुले तो दुआ कहाती हैं..!!!
मैं वक़्त बन जाऊ
मैं वक़्त बन जाऊ, तू बन जाना कोई लम्हा, मैं तुझमे गुज़र जाऊं, तू मुझमें गुज़र जाना…
लौटा देती ज़िन्दगी
लौटा देती ज़िन्दगी एक दिन नाराज़ होकर ,,,, काश मेरा बचपन भी कोई अवार्ड होता।
नादानी भी सच मे
आज कल…की नादानी भी सच मे बेमिसाल हे.. अंधेरा दिल?मे है और लोग दिये मन्दिरों मे जलाते हैं…
सच्चाई बस मेरी
सच्चाई बस मेरी खामोशी में है…. शब्द तो में लोगो के अनुसार बदल लेता हु….