जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया, हम सिख न पाये ‘फरेब’ और दिल बच्चा ही रह गया !
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कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की
कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की.. अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको,..पर…… जब उनको मेरी ज़रुरत होती हैं तब..!!
कंद-मूल खाने वालों से
कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।। पोरस जैसे शूर-वीर को नमन ‘सिकंदर’ करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।। मन-मन्दिर में बसने वाला शाकाहारी राम था।। चाहते तो खा सकते थे वो मांस पशु के ढेरो में।। लेकिन उनको प्यार मिला ‘ शबरी’ के जूठे बेरो में॥ चक्र सुदर्शन धारी… Continue reading कंद-मूल खाने वालों से
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ, मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं ..
नाज है हमें अपने प्यार पर
नाज है हमें अपने प्यार पर , ना वो बेवफा और ना मै बेवफा, बस माँ बाप के फर्ज ने हमें जुदा करदिया..!!
वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन
वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन…. . . जब उसनें पूँछ लिया … ” कहो कैसें आना हुआ ????
हम ये भी भूल गए
घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को, कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!
बरसों बाद इक ख़त आज आया है
बरसों बाद इक ख़त आज आया है, तुम्हे याद आई है या गलत पते पे आया है…!!!