साथ चलता है दुआओं का काफिला, किस्मत से कह दो, अभी तन्हा नहीं हूं मै….
Tag: व्यंग्य शायरी
मुझे नशा है
मुझे नशा है तुझे याद करने का और, ये नशा में सरेआम करता हूँ|
रोते-रोते थक कर
रोते-रोते थक कर जैसे कोई बच्चा सो जाता है.. हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है|
अच्छा किया जो
अच्छा किया जो तुमने गुनहगार कह दिया मशहूर हो गया हूँ मैं, बदनामियों के साथ |
जीत रहा हूँ
जीत रहा हूँ लाखो लोगो का दिल ये शायरी करके लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितना अकेला हूँ|
दुआएं रद्द नही होती
दुआएं रद्द नही होती बस बेहतरीन वक्त पे कबूल होती है…..
लालच दोनो का था
लालच दोनो का था…एक-दुसरे से.. उसने वक्त बिताना चाहा और मैंने जिन्दगी..
न रहनुमाओं की
न रहनुमाओं की मज्लिस में ले चलो मुझको मैं बे-अदब हूँ हँसी आ गई तो क्या होगा ?
समझ लेता हूँ
समझ लेता हूँ मीठे लफ्जों की कडवाहटें.. हो गया है अब जिंदगी का तजुर्बा थोडा बहुत..
तुम रुक ही जाओ
सुनो…तुम रुक ही जाओ ना मेरे पास, हमेशा के लिए; यूँ रोज़ आने-जाने में साहब, वक़्त बहुत लगता है !!