छुप जाऊँ मै

हो गई थी

हो गई थी कुछ इस कदर करीब तू मेरे, के अब इन फासलों में भी तेरी खुशबु आती है..!!

तूझमे और मूझमे

तूझमे और मूझमे फरक तो इतना सा है, मै थोड़ासा पागल हूं, और मूझे पागल बनाया तूने है.

दो ‪‎लब्ज़ क्या लिखे

दो ‪‎लब्ज़ क्या लिखे तेरी ‪याद‬ मे.. लोग कहने लगे तु आशिक‬ बहुत पुराना है|

याद रखते हैं

याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह…; कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।

आँखोँ के परदे भी

आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . . पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .

तू पंख ले ले

तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे, फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!

हम निगाहों में थे

उसके तेवर समझना भी आसां नहीं बात औरों की थी, हम निगाहों में थे

लफ्ज बड़े बेईमान है

लफ्ज बड़े बेईमान है यार, मरहम देने के लिए ख़त लिखा, चोट दे आये….

फुर्सत के लम्हे

कुछ फुर्सत के लम्हे चुरा लाया हूँ अपने लिए… ! आओ वार दूँ वक्त को , नजर उतारने के लिए… !!

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