एक नया दर्द

एक नया दर्द एक नया दाग़ मेरे सीने में छोड़ देती है… रातें अक्सर मेरे कमरे की दहलीज़ पर ही दम तोड़ देती है|

मत दो मुझे खैरात

मत दो मुझे खैरात उजालों की… … आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन, … पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना…

छोड़ देते है

छोड़ देते है लोग रिश्तें बनाकर…. जो कभी ना छूटे वो साथ हूँ मैं|

दूर – दूर भगते फिरें

दूर – दूर भगते फिरें, जो हैं ख़ासम – ख़ास। सभी व्यंजनों की हुई, गायब आज मिठास।।

दर्द बहुत वफ़ादार होता है

दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…

क्या पूछता है

क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…

आज तक बहुत

आज तक बहुत भरोसे टूटे, मगर भरोसे की आदत नहीं टूटी।

बड़े निककमें है

बड़े निककमें है ये इश्क़ वाले कबूतर दाल की जात का सवाल नहीं करते |

टूटते अंधेरो से

टूटते अंधेरो से पूछना रौशनी की हकीकत आफ़ताब बिखर जाते है जब वक़्त पर भूख मिट जाये।

Exit mobile version