मैं सदा बेतरतीब

मैं सदा बेतरतीब और बेहिसाब ही रहता हूँ, उलझी-उलझी सी जिंदगी मुझे पसंद है शायद…

मैं पसंद करता हूँ

मैं पसंद करता हूँ उन लोगो को… जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!

कुछ कहा मैंने

ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading कुछ कहा मैंने

मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों

सोनेरी संध्या… उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो खर्च करने से पहले कमाया करो ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर नीम की पत्तियों को चबाया करो शाम के बाद जब तुम सहर देख लो कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो अपने सीने… Continue reading मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों

मुफ़्त में सिर्फ

मुफ़्त में सिर्फ माँ -बाप का प्यार मिलता है, उसके बाद हर रिश्ते की कीमत चुकानी पड़ती है …

मंजिले तो हासिल

मंजिले तो हासिल कर ही लेगे, कभी किसी रोज,,, ठोकरे कोई जहर तो नही, जो खाकर मर जाऐगे…..

पानी फेर दो इन

पानी फेर दो इन पन्नो पर.. ताकि धुल जाये स्याही..! ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है.. कभी कभी..!!!

कांच की गुडिया

कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे, आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है..!!

कभी किसी को

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो… Continue reading कभी किसी को

आसमाँ भर गया

आसमाँ भर गया परिंदो से, पेड़ कोई हरा गिरा होंगा..!!!

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