चार लाइन दोस्तों के नाम

चार लाइन दोस्तों के नाम काश फिर मिलने की वजह मिल जाए साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए, चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें, क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए.. मौसम को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते है… Continue reading चार लाइन दोस्तों के नाम

लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ।

माँ लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ। दुःख थे पर्वत, राई माँ हारी नहीं लड़ाई माँ। इस दुनिया में सब मैले हैं, किस दुनिया से आई माँ। दुनिया के सब रिश्ते ठंडे, गरमागर्म रजाई माँ। जब भी कोई रिश्ता उधड़े, करती है तुरपाई माँ। बाबू जी तनख़ा लाए बस, लेकिन बरक़त लाई माँ। बाबूजी के पांव दबा कर, सब तीरथ हो आई माँ।… Continue reading लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ।

घर ढूंढ़ता है

कोई छाँव,  तो कोई शहर ढूंढ़ता है मुसाफिर हमेशा ,एक घर ढूंढ़ता है।। बेताब है जो, सुर्ख़ियों में आने को वो अक्सर अपनी, खबर ढूंढ़ता है।। हथेली पर रखकर, नसीब अपना क्यूँ हर शख्स , मुकद्दर ढूंढ़ता है ।। जलने के , किस शौक में पतंगा चिरागों को जैसे, रातभर ढूंढ़ता है।। उन्हें आदत नहीं,इन… Continue reading घर ढूंढ़ता है

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