कह दो अंधेरों से कही और घर बना लें, मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है.
Category: प्यार शायरी
अजीब अदा है
अजीब अदा है यार लोगों की नज़रें भी हम पर है और नाराज़गी भी हमसे ही
बचपन में जब
बचपन में जब चाहा हँस लेते थे, जहाँ चाहा रो सकते थे. अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए, अश्कों को तनहाई ..
Yoon Chup se
SUNO! Yoon Chup se Na Raha Karo, Khamosh Agar Ho Jate Ho, Kuch WEHM sa Honay Lagta Hai, Kahin Khafa to Nahi Ho, Kahin UDAAS to Nahi Ho, Tum Bolte Achy Lagti Ho, Tum Daant-Te Achy Lagti Ho, Kabi Shararat se Kabi Ghussay se Tum Hunstay Achy Lagte ho
बहुत ख़ूबसूरती देखी
बहुत ख़ूबसूरती देखी इस ज़माने में.. सब भूल गया जब झाँका तेरी निगाहों में..!”
ना चाहते हुए भी
ना चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा.. कभी तेरी तारीफों में, तो कभी तेरी शिकायत मे..!
तेरे ज़िक्र भर से
तेरे ज़िक्र भर से हो जाती है मुलाक़ात जैसे.. तेरे नाम से भी इस क़दर इश्क़ है मुझ को..!
हर इसांन की
हर इसांन की ख्वाहिश होती है कि सब उसे पहचाने , पर , ये भी चिंता सताती है, कि कोई सही में पहचान न ले…
अधूरे हो जाते हैं
मुक़म्मल होने की ख़्वाहिश में हम…!… और भी ज़्यादा अधूरे हो जाते हैं…!!
अजीब सबूत माँगा
अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है !