अनसुना ही रह गया

अधूरा ..अनसुना ही रह गया प्यार का किस्सा, कभी तुम सुन न सके ..कभी मैं कह नही पाया !!

इजहारे मोहब्बत का

इजहारे मोहब्बत का जुनूँ गौर से देखो, पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया …

मोहब्बत मैं ही

हम तो आगाज़े मोहब्बत मैं ही लूट गये, और लोग कहते है की अंजाम बुरा होता है !!

रात के गुल्लक

रात के गुल्लक में… तुम्हारे…. ख्वाबो के सिक्के…. जमा करता हूं …!!

होगी कितनी चाहत

होगी कितनी चाहत उस दिल मे…जो खुद ही मान जाये, कुछ पल खफा होने के बाद…!!!

फोड़ देती है

फोड़ देती है अपना गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है

जरा सम्भल के

जरा सम्भल के रहना उन इंसानो से दोस्तों… जिन के दिल मे भी दिमाग होता है…!!

तेरे बग़ैर इश्क़

तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..

जो सपने हमने

जो सपने हमने बोये थे नीम की ठंडी छाओ में, . कुछ पनघट पर छूट गए कुछ कागज की नाव में.

स्याही की भी

स्याही की भी मंज़िल का अंदाज़ देखिये : खुद-ब-खुद बिखरती है, तो दाग़ बनाती है, जब कोई बिखेरता है, तो अलफ़ाज़…बनाती है…!!

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