जो सपने हमने बोये थे
नीम की ठंडी छाओ में,
.
कुछ पनघट पर छूट गए कुछ कागज की नाव में.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो सपने हमने बोये थे
नीम की ठंडी छाओ में,
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कुछ पनघट पर छूट गए कुछ कागज की नाव में.