अभी तक तो

अभी तक तो मोहब्बत है,इसीलिए फर्क पड़ता है, वक्त ने चाहा, तो तुमसे नफरत करना भी छोड़ दुंगा…!

नफरत करनी है

नफरत करनी है तो इस कदर करो की इसके बाद हम मुहबत के काबिल न रहे|

अजीब अदा है

अजीब अदा है यार लोगों की नज़रें भी हम पर है और नाराज़गी भी हमसे ही

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