वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है |
Category: गज़ल
क्यों बताये किसी को
क्यों बताये किसी को हाले दिल अपना, जो तूने बनाया वही हाल है अपना ।।
हिचकियों में वफ़ा को
हिचकियों में वफ़ा को ढूँढ रहा था मैं..! कमबख्त गुम हो गई…दो घूँट पानी से .. !!
खतावार समझेगी दुनिया
खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
तुम हज़ार बार भी
तुम हज़ार बार भी रुठोगे तो मना लूंगा तुमको मगर, शर्त ये है कि मेरे हिस्से की मुहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो..
नींद कल रात भी
नींद कल रात भी आई थी सुहानी हमको ए फ़क़ीरी तेरा एहसान चुकाएँ कैसे
बैठ जाता हूँ
बैठ जाता हूँ अब खुले आसमान के नीचे तारो की छाँव मे,,, अब शौक नही रहा महफिलो मे रंग जमाने का…
जी लो हर लम्हा
जी लो हर लम्हा , बीत जाने से पहले ।। . लौट कर यादें आती है, वक़्त नहीं…
दिलो में खोट
दिलो में खोट जुबा से प्यार करते हैं, बहुत से लोग दुनिया मे बस यही व्यापार करते हैं …
मुड़ के देखा तो
मुड़ के देखा तो है इस बार भी जाते जाते प्यार वो और जियादा तो जताने से रहा दाद मिल जाये ग़ज़ल पर तो ग़नीमत समझो आशना अब कोई सीने तो लगाने से रहा|