उसने माँगी थी मुझसे जरा सी दुआ,साथ मैंने ही उसके खुदा कर दिया..!! एक खुदगर्ज़ “ग़ज़ल” नाम जिसको दिया अपनी पहचान दी, उसने मुझको ही सबसे जुदा कर दिया..! उम्रभर साथ चलने का वादा किया,छोड़ तनहा मुझे अलविदा कर दिया..!! एक मंज़िल से भटका मुसाफिर था वो, रास्ते में मिला हमसफ़र बन गया, उसने माँगी… Continue reading उसने माँगी थी
Category: गज़ल
गुफ़्तुगू देर से
गुफ़्तुगू देर से जारी है नतीजे के बग़ैर इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ |
उंगलिया डुबी है
उंगलिया डुबी है अपने ही लहू में। शायद ये कांच के टुकड़े उठाने की सजा है।।
यूँ तो शिकायते
यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये..
छोड दी हमने
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी, आरजू करना, जिसे मोहब्बत, की कद्र ना हो उसे दुआओ, मे क्या मांगना…
दिल चाहता है
दिल चाहता है कि बहुत करीब से देखूँ तुम्हें पर नादान आंखे तेरे करीब आते ही बंद हो जाती हैं|
यूँ तो होते है
यूँ तो होते है रूबरू चेहरे बहोत हर रोज़ मुझसे, लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है !!
किसी हसरत का पता
अपने दिल की किसी हसरत का पता देते है।मेरे बारे में जो अफवाह उड़ा देते है|
तुम सामने आये तो
तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुआ….. हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली…….
एक साँस भी
एक साँस भी पूरी नही होती तुम्हारे ख़यालों के बिना….. कैसे सोच लिया जी लेंगे तुम्हारे बिना……