जिसकी तलवार की छनक से अकबर का दिल घबराता था वो अजर अमर वो शूरवीर वो महाराणा कहला ता था फीका पड़ता था तेज सूरज का , जब माथा ऊचा करता था , थी तुझमे कोई बात राणा , अकबर भी तुझसे ड रता था
Category: गज़ल
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे, तब मन से एक ही अलफाज निकला, पुराने दोस्त दे सकते हो क्या….
क्या है
क्या है? हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है? तुम ही कहो कि ये अंदाज़-ए-ग़ुफ़्तगू क्या है? रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है? चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन हमारी जेब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है?… Continue reading क्या है
टूट गया
टूट गया समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया इतने घुटने टेके हमने, आख़िर घुटना टूट गया देख शिकारी तेरे कारण एक परिन्दा टूट गया, पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन शीशा टूट गया घर का बोझ उठाने वाले बचपन की तक़दीर न पूछ बच्चा घर से काम पे निकला और खिलौना टूट… Continue reading टूट गया
सुना है !
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से सो अपने आप को बरबाद करके देखते हैं सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उसकी सो हम भी उसकी गली से गुज़र कर देखते हैं सुना है… Continue reading सुना है !