कोई कहीं लिख दे

मुझे भी कोई कहीं लिख दे … के सांस मिले, थोड़ी जगह मिले …

पूछा जो उनसे

पूछा जो उनसे चाँद निकलता है किस तरह, जुल्फों को रूख पै डालके झटका दिया कि यूँ।

तू पंख ले ले

तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे, फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!

अकेले करना पड़ता हैं

अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए.. काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..

मेरे गुनाह भी ना थे

ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..

चाहने वालों में

मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..

तेरे साथ की ख़ातिर

सफ़र-ए-ज़िन्दगी में इक तेरे साथ की ख़ातिर..!! उन रिश्तों को भी नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!! ‪

आज रिश्वत लेते पकड़ा गया

आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!

बारिश में रख दो

बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, कि धुल जाए स्याही, ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी।।

रोज मोहब्बत के नए

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से लिखना……….!! मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख लो…….!!

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