खामोशी के दौर से

खामोशी के दौर से गुजर रही है जिंदगी.. और कोई ये भी नही पूछ रहा कि कारण क्या है..

तर्ज-ए-अदा है

सुनता हूं बड़े ग़ौर से अफ़सान-ए-हस्ती कुछ ख़्वाब हैं, कुछ अस्ल है, कुछ तर्ज-ए-अदा है

ज़िन्दगी के मायने तो

ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो….

उन्होंने ख़त में लिखी थी

जो चीज़ उन्होंने ख़त में लिखी थी, नहीं मिली. ख़त हमको मिल गया है, तस्सली नहीं मिली…..

शब्द कहा से ला रहा हूँ..

मत पूछ कि मैं शब्द कहा से ला रहा हूँ……? तेरी यादो का खजाना हैं, लुटाएं जा रहा हूँ…..!!

हिचकीयाँ हमनें भी ना रोकी

हिचकीयाँ हमनें भी ना रोकी ये सोच कर कि, ज़रा देखें कोई किस हद तक हमें याद करता है..

जब फूल को छुआ होगा

उसने जब फूल को छुआ होगा, होश खुश्बू के भी उड़ गए होंगे |

अब जुदाई के सफ़र को

अब जुदाई के सफ़र को मेंरे आसान करो….. तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ….

छोटी सी जिंदगी है

छोटी सी जिंदगी है , हर बात में खुश रहो। जो पास में ना हो , उनकी आवाज़ में खुश रहो। कोई रूठा हो तुमसे , उसके इस अंदाज़ में खुश रहो। जो लौट के नही आने वाले है, उन लम्हो कि याद में खुश रहो। कल किसने देखा है , अपने आज में खुश… Continue reading छोटी सी जिंदगी है

हम वो ही हैं

हम वो ही हैं, बस जरा ठिकाना बदल गया हैं अब…!!! तेरे दिल से निकल कर, अपनी औकात में रहते है…!!

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