कुछ कहे अनकहे किस्सों में

कुछ कहे अनकहे किस्सों में कैद है वह हर जंग, लोग फिर भी हर जीत पर शुक्र करते हैं किस्मत का..

मैं हौसलों की

मैं हौसलों की राह बना कर चलता रहा, वह मजबूरियों की चादर बना सोता रहा…

फिर से कहो

फिर से कहो ना आज उसी अदा से, मुझे तुमसे मोहब्बत है।।

सिर्फ बेहद चाहने से

सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है, नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।

मेरे लिये खुशियों की

मेरे लिये खुशियों की दुआ करते हो, तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते।।

इश्क़ नहीं है

इश्क़ नहीं है तुमसे पर जो तुमसे है, उसके लिए कोई लफ्ज़ नहीं है।।

इश्क करना है

इश्क करना है किसी से तो बेहद कीजिए, हदें तो सरहदों की होती है दिलों की नही।।

किसी का हो कर

किसी का हो कर, फिर से खुद का होना, बहुत मुश्किल होता है।।

खता ये हुई

खता ये हुई तुम्हे खुद सा समझ बैठे, जबकि तुम तो तुम ही थे।।

जो दिल में आए

जो दिल में आए वो सब करना, बस एक गुजारिश है, किसी से अधूरा प्यार मत करना।।

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