दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद है, देखना है , फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन……
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मंज़ूर नहीं किसी को
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना, आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..
प्यार अपनों का
प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद , जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….
ज़िन्दगी के मायने तो
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो…
दर्द लिखते रहे….
दर्द लिखते रहे….आह भरते रहे लोग पढ़ते रहे….वाह करते रहे।
वो जिंदगी जिसे
वो जिंदगी जिसे समझा था कहकहा सबने….. हमारे पास खड़ी थी तो रो रही थी अभी |
शीशे में डूब कर
शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को…. कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को……!!
ये चांद की आवारगी
ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है, कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
मेरी उम्र तेरे ख्याल में
मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए|
बड़ी अजीब सी है
बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी, उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।