हम वहाँ हैं

हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी कुछ हमारी ख़बर नहीं आती|

जाने किन कर्मों की सजा

मुझे न जाने किन कर्मों की सजा देते हैं. आख़िरी घूँट हूँ ,बहुत लोग छोड़ देते हैं .!!

सादगी जँचती नहीं

सादगी जँचती नहीं, हर किसी पे यहाँ, जलेबियाँ उलझी रहें, तो अच्छा है|

जान जब प्यारी थी

जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे, अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते।

जुबां की खामोशी

जुबां की खामोशी पर मत जाओ, राख के नीचे हमेशा आग दबी होती है।

एक बच्चा खुश हुआ

एक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा, दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा।

हज़ार महफ़िलें हो

हज़ार महफ़िलें हो, लाख मेले हो, जब तक खुद से ना मिलो, अकेले ही हो।

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं, अपना “गांव” छोड़ने को !! वरना कौन अपनी गली में, जीना नहीं चाहता ।।

शायरी का रंग

शायरी का रंग और भी गुलनार हो जाता है, जब दो शायरों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है..

इश्क क्या जिंदगी देगा

इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को दोस्त….. ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है…!!

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